दूध का नाम सुनते ही आपको प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम की याद आ जाती है। हमने कई लोगों से सुना, पढ़ा और माना है कि दूध हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है और इसीलिए हम ज्यादातर दूध या उससे बने पदार्थों को अपने आहार में शामिल करते हैं। माताएं अपने बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए उन्हें दूध पिलाती हैं, वयस्कों को शारीरिक शक्ति मिलती है और दूध बुजुर्गों की कमजोर हड्डियों को मजबूत करने का भी काम करता है।
दूध और उससे बने उत्पाद दुनिया के लगभग हर देश में लोग खाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसे देश की कल्पना की है, जहां लोग दूध या उससे बने उत्पाद न खाएं, बल्कि उनसे नफरत करें। जी हां, इस दुनिया में एक देश है और दूध न पीने से यहां के लोगों पर कोई असर नहीं पड़ा है, लेकिन यहां के लोगों की बुद्धिमत्ता सराहनीय है। इस देश में एक से बढ़कर एक प्रतिष्ठित कंपनियां हैं। यहां के लोगों की आय हमसे ज्यादा है।
यह एक द्वीप देश है, जो पश्चिम में ओखोत्स्क सागर, उत्तर में पूर्वी चीन सागर और फिलीपीन सागर और दक्षिण में ताइवान से घिरा हुआ है। इस देश का नाम जापान है। जी हां, जापान के लोग दूध या उससे बने उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं। सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल करते हैं कि जापानी लोग अपने भोजन में दूध उत्पादों को शामिल क्यों नहीं करते हैं।
Quora वेबसाइट एक ऐसी जगह है जहां इस तरह के कई सवालों के जवाब अलग-अलग लोगों द्वारा दिए जाते हैं। यहां जापान में दूध का इस्तेमाल क्यों नहीं होता, इस सवाल के जवाब में एक शख्स ने लिखा है कि यह सच है कि जापान में डेयरी उत्पाद उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में पशुपालन संभव नहीं है। हालांकि, डेयरी उत्पाद अब जापान में कुछ स्थानों पर उपलब्ध हैं।
इससे जुड़े इतिहास पर रोशनी डालते हुए एक शख्स ने लिखा है कि जापान के लोग दूध और उससे बनी चीजों से नफरत करते हैं क्योंकि जब वो पहली बार पुर्तगाल के लोगों से मिले थे तो उन्हें बदबू आती थी. उस समय यूरोप में लोग दूध, मक्खन आदि ज्यादा खाते थे और कभी-कभी नहाते थे। यही कारण है कि जापान के लोग दूध, दही, मक्खन आदि से नफरत करते थे।